भारत में HMPV वायरस: नवजात शिशुओं के लिए बढ़ता खतरा

Niharika Maheshwari
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क्या है HMPV वायरस?

ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) एक श्वसन संक्रमण पैदा करने वाला वायरस है, जो हल्की सर्दी से
लेकर गंभीर निमोनिया तक का कारण बन सकता है। यह वायरस विशेष रूप से कमजोर प्रतिरक्षा
प्रणाली वाले लोगों, बुजुर्गों और नवजात शिशुओं को प्रभावित करता है। यह खांसी, छींक, या
संक्रमित सतहों के संपर्क में आने से फैलता है और आमतौर पर सर्दियों और वसंत के मौसम में
अधिक सक्रिय होता है।
अब तक देश में इस वायरस के 9 मामलों की पुष्टि की जा चुकी है, जिनमें अधिकतर छोटे बच्चे
शामिल हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, मामले बढ़ने की संभावना है, इसलिए सतर्कता और बचाव बेहद
आवश्यक है।

HMPV के लक्षण

नवजात शिशुओं में HMPV के लक्षण हल्के से लेकर गंभीर हो सकते हैं। इनमें नाक बहना, खांसी,
छींक, बुखार और सांस लेने में कठिनाई शामिल है। गंभीर मामलों में त्वचा का नीला पड़ना
(साइएनोसिस), निमोनिया और कमजोरी जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
HMPV के कारण
समय से पहले जन्म लेने वाले बच्चों में प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होने के कारण संक्रमण का खतरा
अधिक रहता है।
जिन शिशुओं को जन्मजात हृदय रोग या फेफड़ों की समस्या है, वे भी इस वायरस के प्रति
संवेदनशील होते हैं।
संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आना या भीड़भाड़ वाले स्थानों में जाना संक्रमण फैलने के मुख्य कारण
हैं।

बचाव के उपाय

  • बच्चे को छूने से पहले हाथ साफ करें और सैनिटाइजर का उपयोग करें।
  • जिन लोगों को खांसी या जुकाम है, उन्हें शिशु से दूर रखें।
  • नवजात को स्तनपान करवाएं, ताकि उसकी प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत हो।
  • बच्चे को भीड़भाड़ वाले स्थानों पर न ले जाएं।
  • शिशु के स्वास्थ्य की नियमित जांच करवाएं।

भारत में HMPV से जुड़े 9 मामलों की पुष्टि के बाद, सतर्कता और बचाव के उपाय अपनाना बेहद
जरूरी हो गया है। साफ-सफाई का ध्यान रखें और अपने नवजात शिशु की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाए रखें। किसी भी संदिग्ध लक्षण पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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