एयर इंडिया एक बार फिर अपनी सेवाओं की गुणवत्ता को लेकर सवालों के घेरे में आ गई है। इस बार मामला सीधे केंद्र सरकार के वरिष्ठ मंत्री शिवराज सिंह चौहान से जुड़ा है। केंद्रीय कृषि मंत्री चौहान को भोपाल से दिल्ली की फ्लाइट AI436 में यात्रा के दौरान टूटी हुई सीट आवंटित की गई, जिससे उनकी यात्रा असुविधाजनक हो गई।
मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जताई नाराज़गी -X पर बजा दी बैंड

मंत्री चौहान ने सीट की खराब हालत पर अपनी नाराज़गी जाहिर करते हुए कहा, “एक राष्ट्रीय एयरलाइन से इस तरह की लापरवाही की उम्मीद नहीं थी। सीट अंदर धंसी हुई थी, जिससे बैठना बेहद मुश्किल था। यात्रियों की सुरक्षा और आराम सर्वोपरि होना चाहिए।” उन्होंने इस घटना की जानकारी सोशल मीडिया के जरिए साझा की, जिससे यह मामला तेजी से चर्चा में आ गया।
एयर इंडिया पर पहले भी लग चुके हैं आरोप

यह पहली बार नहीं है जब एयर इंडिया पर इस तरह के आरोप लगे हैं। हाल ही में चंडीगढ़ जिला उपभोक्ता आयोग ने न्यूयॉर्क से दिल्ली की फ्लाइट में बिजनेस क्लास की टूटी सीटों को लेकर एयर इंडिया पर भारी जुर्माना लगाया था। यात्रियों द्वारा अक्सर सेवा की गुणवत्ता, समय पर उड़ान न भरने और खराब सीटों की शिकायतें मिलती रहती हैं।
यात्रियों की सुरक्षा पर उठे सवाल

इस घटना ने एयर इंडिया की सेवाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यदि एक केंद्रीय मंत्री के साथ इस प्रकार का व्यवहार हो सकता है, तो आम यात्रियों की स्थिति का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि उड़ान के दौरान यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करना एयरलाइंस की पहली जिम्मेदारी होती है। टूटी सीट न केवल असुविधाजनक होती है, बल्कि किसी आपात स्थिति में सुरक्षा के लिए भी खतरा बन सकती है।
एयर इंडिया की प्रतिक्रिया

मामले पर एयर इंडिया के प्रवक्ता ने खेद जताते हुए कहा, “हम मंत्री शिवराज सिंह चौहान से हुई असुविधा के लिए क्षमा प्रार्थी हैं। हम इस मामले की जांच कर रहे हैं और संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं। भविष्य में इस तरह की लापरवाही न हो, इसके लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।”
एयर इंडिया जैसी प्रतिष्ठित एयरलाइन से यात्रियों को बेहतर सेवा की अपेक्षा होती है। शिवराज सिंह चौहान के मामले ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार की तत्काल जरूरत है। यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा से समझौता न हो, इसके लिए कड़े कदम उठाना बेहद जरूरी है।
इस घटना ने न केवल एयर इंडिया की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि भारतीय विमानन क्षेत्र में यात्रियों की सुरक्षा के महत्व पर भी नई बहस छेड़ दी है।