अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अवैध प्रवासियों पर शिकंजा कसने की नीति
ने एक गंभीर चर्चा को जन्म दिया है। ट्रंप प्रशासन की नीतियों का मुख्य फोकस अवैध
अप्रवासियों को अमेरिका से बाहर करना और देश की आव्रजन प्रणाली को और कड़ा बनाना रहा
है। इसका सीधा असर उन भारतीयों पर पड़ेगा, जो अवैध तरीके से अमेरिका में रह रहे हैं।
भारतीयों पर प्रभाव
तीसरी सबसे बड़ी अवैध अप्रवासी आबादी: 2021 के प्यू रिसर्च सेंटर के आंकड़ों के अनुसार,
अमेरिका में अवैध अप्रवासियों में भारतीय तीसरे स्थान पर हैं। इनमें वे लोग शामिल हैं जो
वीजा समाप्त होने के बाद भी अमेरिका में रुके हुए हैं या गैर-कानूनी तरीके से देश में प्रवेश कर
चुके हैं।
नागरिकता और रोजगार पर संकट:
ट्रंप प्रशासन ने “ड्रीमर्स” और “डाका” (DACA) कार्यक्रमों को चुनौती दी, जिससे कई भारतीय
युवा, जो अवैध प्रवासी हैं, उनकी शिक्षा और रोजगार पर खतरा मंडराने लगा।
अवैध प्रवासियों के लिए रोजगार पाना और भी मुश्किल हो सकता है क्योंकि नियोक्ताओं पर
प्रवास कानूनों का सख्ती से पालन कराने का दबाव रहेगा।
जबरन निर्वासन का डर:
ट्रंप ने घुसपैठियों को “खतरा” करार देते हुए डिपोर्टेशन (निर्वासन) की प्रक्रिया तेज करने का
ऐलान किया। इसके चलते कई भारतीय परिवारों को देश छोड़ने का खतरा है।
अवैध प्रवासियों के लिए भविष्य
कड़ी निगरानी:
ट्रंप प्रशासन ने सीमा सुरक्षा बढ़ाने और वीजा नियमों को कड़ा करने पर जोर दिया। इससे
भारतीयों सहित अन्य अवैध प्रवासियों पर निगरानी और कड़ी हो सकती है।
कानूनी कार्रवाई:
अमेरिकी आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) एजेंसी द्वारा छापेमारी और निर्वासन का
खतरा बढ़ जाएगा।
परिवर्तन की संभावना:
हालांकि, ट्रंप की सख्त नीतियों के विरोध में कई अमेरिकी नागरिक, संगठन और यहां तक कि
कुछ राज्यों की सरकारें हैं। उन्होंने इन नीतियों को मानवीय दृष्टिकोण से अनुचित बताया है।
समुदाय की भूमिका:
भारतीय समुदाय, जो अमेरिका में एक मजबूत और प्रभावशाली समूह है, उन अवैध प्रवासियों के
लिए समर्थन और वैध विकल्प तलाशने में मदद कर सकता है।
विकल्प और समाधान
कानूनी मार्ग अपनाना: जो भारतीय अमेरिका जाना चाहते हैं, उन्हें अवैध रास्तों के बजाय
कानूनी तरीकों का इस्तेमाल करना चाहिए, जैसे H1-B वीजा या स्टूडेंट वीजा।
स्थानीय संगठन की सहायता: जो पहले से अमेरिका में हैं, वे स्थानीय संगठनों और वकीलों की
मदद से अपनी स्थिति को वैध बनाने का प्रयास कर सकते हैं।
संभलकर कदम उठाना: भारतीयों को गैर-कानूनी एजेंटों या फर्जी दस्तावेजों के भरोसे अमेरिका
जाने से बचना चाहिए।